Shailesh Dwivedi मैं तो किसी के भी एन्काउंटर के खिलाफ हूं, मृत्युदंड जैसे बर्बर दंड के भी खिलाफ हूं। सभी सभ्य देशों में यह दंड समाप्त हो चुका है। मैं इतना ही चाहूंगा कि आप एक संवेदनशील इंसान और अच्छे शिक्षक बनें, जिसकी पूर्व शर्त है निजी आग्रह-पूर्वाग्रहों से ऊपर उठना। चीजों की व्याख्या आस्था की बजाय विवेक के आधार पर करना। यदि शिक्षक शिक्षक होने के महत्व और मर्यादा को समझ ले तो सबसे सुखी इंसान होगा। लेकिन ज्यादातरअभागे नौकरी करते हैं, नौकरी में भी उनकी प्राथमिकता शिक्षक होना नहीं होती। सादर, शुभ रात्रि।
Friday, December 6, 2019
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