लूट के औचित्य का उपादान है मतदान
निज अधिकारों के गिरवीकरण का विधान है मतदान
5 सालों के लिए उत्पीड़क चुनने-बदलने का नाम है मतदान
नागनाथ-सांपनाथ के विकल्प का समाधान है मतदान
चोर-उचक्कों का अभयदान है मतदान
थैलीशाहों का ज़रखरीद गुलाम है मतदान
(ईमि/१७.०४.२०४)
फिर भी देना है दान मतदान ।
ReplyDeleteTO ELECT LESS BRUTAL OPPRESSOR
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