Tuesday, April 29, 2014

ये तो हद है

आप तो रोशनी दिखाने आए थे
आप दिया बुझाने लगे ये तो हद है
आए थे जो बेनकाब करने लुटेरों
लूट में हिस्सेदार हो गए ये तो हद है
रोटी के लिए बेचता है इंसान अपनी चमड़ी
चंद सिक्कों के लिए बेचे ज़मीर ये तो हद है
दानिशमंदी करते हैं जो दावा
फैलाने लगे जहालत ये तो हद है
(जारी)
(ईमिः30.04.2014)

No comments:

Post a Comment