मोदियापा एक खतरकनाक रोग है जो भगवान मोदी भक्तों को मनुष्यत्व की उस अनूठी प्रवृत्ति से मुक्त कर देता है जो मनुष्यों को पशुकुल से अलग करती है -- दिमाग के इस्तेमाल की प्रवृत्ति. इन भोले भक्तों को नहीं मालुम कि अदानियों-अंबानियों-टाटाओं को जन-संपत्ति दान करने और उनकी ज़रखरीद गुलामी से हजारों करोड़ रूपये छविनिर्माण और निजी फ्मेंरचार में बर्बाद करने, तक्शिला को विहार पहुंचाने और चंद्कारगुप्पत मौर्य को गुप्त वंश में पहुंचाकर गंगा तट पर सिकंदर से लड़ाने का इतिहास ज्ञान दिने और फिरकापरस्ती का ज़हर फैलाने कि लिए जनसंहार और बलात्कार आयोजित करने, असुरक्षा में अपने ही दल के वरिष्ठों का पर कतरने के अलावा इस नरपिशाची भगवान का वह कौन सा गुण है जो एक चिंतनशील अस्मिता बनाने में असमर्थ, जीववैज्ञानिक दुर्घना की जन्म की अस्मिता से चिपके इन विद्वानों को उसका परम भक्त बना दी है.
यह इलाहाबाद विवि के एक मोदीमय पोस्ट पर कमेंट था जिस मोदी भक्त का यह पोस्ट थी उसने लिखा यह तो ठीक है लेकिन नीतियों की आलोचना कीजिए, उस पर मैंने कहाः
सांप्रदायिक जहर फैलाकर संस्कृति को कलंकित करना एक सोची-समझी नीति है, वु्यकति को पार्यी और देश से बड़ साबित करने के लिए मुल्क की संपत्ति हानी की तरह प्रचार में बहाना एक फासीवादी नाति है जैसा कि हिचलर ने भी किया था. सरकारी मशीनरी को निजी चाकर बनाना एक नीति है जैसा कि हिटलर, मुसोलिनी और आपातकाल में इंदिरा गांधी ने किया था. जैसे मोदी के थैलीशाहों से याराना है वैसा ही याराना हिचलर के यहूदी थैलीशाहों समेत जर्मनी के थैलीशाहों से था, यह भी नीति का ही हिस्सा है. किसान-आदिवासियों की जमीनें छीनकर औले-पौने दामों में अपने कारपोरेट आकाओं को दान करना और किसानों के विरोध को बर्बरतापूर्वक कुचल देना कारपोरेटी दलाल-फासीवादी नीति है. किन नीतियों की बात कर रहे हैं -- मोदी ने जीवन में धनोपार्जन का क्या काम किया है कि उनकी घोषित संपत्ति करोड़ों में है. मित्र दिमाग इस्तेमाल कीजिए और इस नरपिशाच का एक गुण बता दीजिए जिससे आप उसके कट्टरभक्त हैं, मैं नास्तिकता त्याग आप का अनुयायी बन जाऊंगा.
Gujrat has been n industrially developed state since pre-colonial times and a trade centrer because of its commercially strategic location and was ahead of other states in pre-BJP days. Since BJP government many industries, particularly textiles industries have been closed rendering lakhs of workers unemployed. Ambanis and Adanis have developed. Adani has The protest of peasants were crushed.
मैं आकलन नहीं करता. यदि मोदी आ गया, जो जनचेतना-युगचेतना को देखते हुए असंभव नहीं है, तो उसकी जिम्मेदार जनता है वह खुद से कहे-सुने-झेले, मैं भी जनता का हिस्सा हूं और मुझे भी झेलना पड़ेगा. हिटलर का दयनीय अंत हुआ लेकिन इतिहास को सदियों के लिए कलंकित कर गया जिसका दुषपरिणाम फिलिस्तीनी झेल रहे हैं
मैंने आप को तो कुछ नहीं कहा, भाषा की तमीज सामाजीकरण से आता है, संघी प्रशिक्षण भी तर्क की बजाय गाली-गलौच ही सिखाता है, ऊपर किसी णोदी भक्त ने जो मुद्दे उठाए गये हैं उनपर एक शब्द भी किसी ने नहीं कहा, सिर्फ निजी आक्षेप और कुतर्क. आपकी कई बातें घोरमर्दवादी लगती हैं और बहुत से मोदियाये लोग फेक आईढी बनाकर बकवास करते हैं इसलिए मुझे संदेह हुआ कि आप फेक आईडी हो सकती हैं क्योंकि मेरे जैसे साधारण इंसान को समझ नहीं आता कि कोई महिला सामूहिक बलात्कार के किसी ऐयोजक की भक्त कैसे हो सकती हैं, हां अगर आप इसका एक गुण बता दें जिससे वब आपको युगपुरुष लगता है तो आपका मुरीद हो जाऊंगा. हां मुझे अपनी नारीवादिता की सनद किसी नारी विरोधी संगठन के भोपुओं से नहीं चाहिए. ये संघी हर बात पर बौखला क्यों जाते हैं. मुझे तो जंम के जो संस्कार मिले थे उन्हें किशोरावस्था तक स्वाहा कर दिया था, जो हैं अर्जित हैं.
I call such people educated duffers who cant transcend the identity emanating from the biological accident of birth. As a teacher I feel ashamed that what education we are giving to these young people that all their life they remain Hindu-Muslim; Brahman/Rajput/Bhumihar-Dalit; Yadav-Jat and do not become rational humans. Apply your mind dear Sanghis this is the sure cure of your Modioyapa disease.
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