किस सवाल का जवाब, प्रतिसवाल सवाल का जवाब होता है. जवाब से र कुतर्की धर्मोन्मादी भागते हैं. मैं न राम को पूजता हूं न रावण को दोनों अहंकारी राजा थे, दोनों मर्दवादी, राम ज्यादा. राम ऐसी परंपरा का प्रतिनिधि है जहां स्त्रियां मूल्यवान वस्तु हैं जिन्हें बाहुबल से हासिल किया जाता है. बताइए जरा वेटलिफ्टिंग और प्रेमिका की चाहत में क्या रिश्ता है? सूर्पनखा एक ऐसी परंपरा की प्रतिनिधि है जहां स्त्रियां भी प्रणय निवेदन कर सकती थीं, यह धृष्टता मर्दवाद को बर्दास्त नहीं हुई और उसका अंग-भंग कर दिया. आज का बलात्कारी उसी पौरुषबोध का अनुभव करता है. अरे भाई कह देते कग उसमें इनकी रुचि नहीं थी, पुरुषार्थ दिखाने की क्या जरूरत थी? जहां तक सवाल इस बात का है कि वह जानती थी कि वे विवाहित थे. वह यह भी जानती थी कि उसके भाई की ही तरह राम के खानदान में बहुत बीबियों का रिवाज था. वे बन में ही िसीलिए थे कि फसके बाप का बुढ़ापे में जवान लड़की पर दिल आ गया और उसने उसको ब्लैंक चेक दे दिया. रावण भी राम से भिन्न नहीं था, राम से बदला लेना है तो उसकी बीबी का अपहरण क्यों? लेकिन उसने अपने मायावी ज्ञान के इस्तेमाल से सीता का अपहरण कर लिया. और यदि तुलसी की मानें तो उसने सीता के साथ बलप्रयोग तो दूर की बात है सारी सुख-सुविधां के साथ 5-स्टार गेस्टहाउस में रखा. जैसे सिंधियायों और निजामों की गद्दारी से 1857 का स्वतंत्रता संग्राम कुचल दिया गया वैसे ही विभीषण की गद्दारी से रावण मार दिया गया.
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