Tuesday, January 14, 2014

आप 1

यह संक्रमणकाल है. भ्रष्टाचार नव-उदारवादी पूंजावाद का कोई नीतिगत दोष नहीं है बल्कि इसकी अंतर्निहित प्रवृत्ति है. इसलिए नव-उदारवादी नीतियों को बिना चुनौती दिये भ्रष्टाचार उन्मूलन अभियान अपनी तार्किक परिणति तक नहीं पहुंच सकता और आम आदमी का आम आदमी पार्टी से मोहभंग लाजिमी है. आम आदमी के अभियान का अगला चरण  शायद ज्यादा जनोन्मुखी हो. हो सकता है हताश और बिखरी क्रांतिकागरी ताकतों में सद्बुद्धि आये और वे एकताबद्ध हो आम आदमी की जनवादी लामबंदी कर सके. 

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