29.01.2014 को आसाम में सीपीआई(मालेःलिबरेशन) के 10 कार्यकर्ताओं की हत्या परः
ऐ लाल फरारे तेरी कसम, ये शहादतें नहां जायेंगी बेकार
करते रहेंगे हम, हर जोर-ज़ुल्म का प्रतिकार लगातार
जागेगा जब मेहनतकश, सहम जायेंगे सारे अत्याचार
इंकिलाब के नारों से मच जायेगा ज़ुल्म के खेमों में हाहाकार
नहीं सहेगा मजदूर-किसान जोर-ज़ुल्म की और मार
निकलेगा ही करने अब समाजवाद का सपना साकार
याद रखेगा इतिहास तुम्हारी शहादतें कामरेड
लाल सलाम तुम्हारी शहादत को, लाल लाल सलाम
[ईमि/30.01.2014]
ऐ लाल फरारे तेरी कसम, ये शहादतें नहां जायेंगी बेकार
करते रहेंगे हम, हर जोर-ज़ुल्म का प्रतिकार लगातार
जागेगा जब मेहनतकश, सहम जायेंगे सारे अत्याचार
इंकिलाब के नारों से मच जायेगा ज़ुल्म के खेमों में हाहाकार
नहीं सहेगा मजदूर-किसान जोर-ज़ुल्म की और मार
निकलेगा ही करने अब समाजवाद का सपना साकार
याद रखेगा इतिहास तुम्हारी शहादतें कामरेड
लाल सलाम तुम्हारी शहादत को, लाल लाल सलाम
[ईमि/30.01.2014]
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