Thursday, January 2, 2014

साहब के कुत्ते

साहब के कुत्ते
साहब से ज्यादा खतऱनाक हैं साहब के कुत्ते
हैं हर आने जाने वाले पर जो बेबात भौंकते
घोंपते हैं छुरा अपनी ही जमात की पीठ में
होते हैं उल्लसित हैवानियत की जीत में
ऐंठ जाते हैं पाते ही आश्रय कुर्सी का
दुम हिलाते हैं दिखते ही टुकड़ा हड्डी का
रथ के नीचे चलते हुए सोचते यही सारथी हैं
अनुशासन के ज़ीरो पावर बल्ब के महारथी हैं
झुंड में हैं शेर हो जाते
पत्थर उठाते ही दुम उठाकर भाग जाते
लेते हैं संकल्प करने की चौकसी आवाम की 
करते हैं चाकरी एक छिछोरे इंसान की 
14 इंजक्शनों का डर होता है इनकी प्यार-पुचकार में
साहब से ज्यादा खतरनाक हैं साहब के कुत्ते
[ईमि/03.01.2014]

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