Saturday, January 4, 2014

इश्क बेपनाह

वो इश्क ही क्या जो हो न बेपनाह
तभी तो लुत्फ है कहने में वाह और आह
[ईमि/05.01.2013]

2 comments:

  1. ऐसे कितने कर सकते हैं एक बार में ?

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  2. ज्यादा-से-ज्यादा एक

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