Thursday, January 9, 2014

कलम की जंग

तलवार की नहीं कलम की  होगी यह जंग
भरेगा जो शब्दों में इंसाफी विचारों का रंग
होगा जब व्यापक इंक़िलाबी जनमत
खत्म हो जाएगी तलवार की जहमत
तोप चलाने को मालिक की नहीं मिलेगा मजदूर
बनने को इंसान होगा वह भी मजबूर
[ईमि/10.01.2013]

2 comments:

  1. सही कत्ल हुआ कहीं कलम से दिखा दिखा :)

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  2. Ruling classes are afraid of the pen more than the gun.

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