Friday, October 30, 2020

लल्ला पुराण 362 (ठाकुर)

 एक सज्जन ने लिखा कि ठाकुरों की एक अच्छी बात है कि उनमे वामपंथी नहीं होते। उस पर:

वामपंथ क्या होता है? क्या ठाकुरों की कोई समरस कोटि है? मेरे बड़े भाई इस्लामोफोबिया से परेशान हिंदू-मुसलमान करते रहते हैं। मैंने एक बार उनसे पूछा कि हम कितने भाई हैं, उन्हें सवाल समझ नहीं आया फिर भी संख्या बता दिया। मैंने पूछा सब एक जैसे हैं? अब क्या कहते? मैंने कहा जब चंद सगे भाई एक जैसे नहीं होते तो आप करोड़ों, लाखों, हजारों की एक समरस कोटि कैसे बना सकते हैं? दुर्भाग्य से ऐसी कोटि बनाने की मूर्खता बहुत से विश्विद्यालय के शिक्षित लोग करते हैं। इसी लिए कहता हूं कि पढ़े-लिखे जाहिलों का अनुपात अपढ़ जाहिलों से ज्यादा है।

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