Friday, October 30, 2020

लल्ला पुराण 362 (मॉडरेटर)

 मैंने भावात्मक दबाव में, चुंगी का मॉडरेटर बनना स्वीकार कर लिया, मुझे मालुम नहीं कि मॉडरेटर का काम क्या होता है, इसलिए फिलहाल कुछ नहीं करूंगा। इस ग्रुप के भी कई लोग मेरी ब्लॉक लिस्ट में हैं जिन्हें मैं एक एक कर एक बार अनब्लॉक करता हूं, कभी कभी दुबारा भी। मैं अमर्यादित भाषा में निराधार निजी आक्षेप करने वालों को ही ऐसा न करने के 2-3 आग्रह के बाद इसलिए ब्लॉक करता हूं कि कहीं यह भूलकर कि 45 साल पहले 20 साल का था उन्हीं की भाषा में जवाब देकर अपनी भाषा भ्रष्ट करके पछताना न पड़े। मैं दिल्ली विवि से रिटायर्ड शिक्षक हूं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है। कई लोग उम्र कामजाक उड़ाते कमेंट करते हैं जैसे कि वे आजीवन युवा बने रहेंगे। इसे मैं बेहूदी बदतमीजी मानतता हूं। हम लोग तो बुजुर्गों से कभी बदतमीजी की बजाय अतिरिक्त सम्मान करते थे। मॉडरेटर बनने से लगता है ब्लॉक लिस्ट के लोगों की पोस्ट-कमेंट दिखने लगते हैं। जो पोस्ट दिखी उनमें से एक सज्जन को ब्लॉक करना याद नहीं था, अनब्लॉक कर दिया। एक को एक बार अनब्लॉक किया था दुबाराे इलाहाबाद में दिखने पर हाथ पांव तोड़ने की धमकी देने पर ब्लॉक किया। वैसे तो मैं गुंडे-मवालियों से कभी डरा नहीं लेकिन उनसे दूर ही रहना चाहिए। दूसरे सज्जन ने स्थान-विशेष के बाल उखाड़ने की चुनौती दी, ऐसी चुनौती कौन स्वीकार करे। मैं पहली बार ब्लॉक किए लोगों को खोजकर अनब्ल़क करूंगा और निवेदन करूंगा कि पोस्ट के विषय का खंडन-मंडन करें, निराधार निजी आक्षेप की नीचता नहीं। निजी आलोचना करें लेकिन गाली देने के लिए नहीं तथ्य-तर्कों के आधार पर, उम्रका मजाक बिल्कुल न करें नहीं करें कि आवेश में भूल न जाऊं कि 45 साल पहले 20 साल का था।


अंत में यह कि मॉडरेटर होना उसी तरह के दबाव में स्वीकार किया जैसे 48 साल पहले विवाह करना। मैं इंटर की परीक्षा देकर घर आया तो शादी का कार्ड छप चुका था, मेरी विद्रोही प्रवृत्ति जाग गयी। मेरी अइया (दादी) रोने लगीं कि किसी लड़की की इज्जत का मामला है कार्ड छपने के बाद उसकी इज्जत पर धब्बा लग जाएगा। मैं शादी करने को राजी हो गया लेकिन अंडर प्रोटेस्ट, शादी का जोड़ा-जामा नहीं पहना। वह कहानी फिर कभी। 8-9 साल पहले लल्ला का चौराहा पर किसी ने पूछा था कि क्या मैंने बाकी बातों की तरह शादी भी अपनी मर्जी से की थी? मैंने कहाथा कि शादी तो मर्जी से नहीं की थी लेकिन निभाने का फैसला मेरा चुनाव था। अब तो शादी के 48 और गौने के 45 साल हो गए तथा निरंतर साथ रहते 33। शादी निभाना तो सामाजिक दायित्व की नैतिकता थी लेकिन मॉडरेटरी कभी भी छोड़ दूंगा।

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