शासक वर्ग के विचार शासक विचार भी होते हैं, ई बात मार्क्स ने १८४५ में कही थी. भौतिक उत्पादन के साधनों पर जिन वर्गों का कब्जा होता है उसे का बौद्धिक-उत्पादम के साधनों पर भी नियंत्रण होता है. शासक वर्ग(भूमंडलीय पोंजी) और उसके राजनैतिक मुलाजिम(ओबामा, शरीफ, मोदी, मनमोहन...) राज्य के विचारधारात्मक औजारों -- शिक्षा, मीडिया, फिल्म, खेल, उत्सव आदि के जरिये यथास्थिति को वैधता देते है और युगचेतना का निर्माण करते हैं, जनवादी जनचेतना से ही इस युगचेतना को जनोंमुखे बनाना है.
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