ज़िंदगी एक सफ़र है अपनों के मिलने विछडने का
नए नए अपनों का पुरानी यादों और सपनों का
जब भी कभी हो जाता सफ़र नितांत एकांत
अतीत का कोइ टुकड़ा बन जाता है दृष्टांत
तन्हाई तो है वरदान प्रतिकूलता के भेष में
घूमता है दिल-ओ-दिमाग विचारों के देश में
(इमि/१७.१०.२०१४)
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