Thursday, October 23, 2014

दीवाली की बधाइयां

दीवाली की बधाइयां अनेक 
तुम हो मेरे लिए लाखों में एक 
हरने को अमावस्या का तिमिर
लगाओ प्रज्वलित दीपकों का शिविर
डालो दियली में तेल अमन-चैन का 
आओ मनाएं त्यौहार मेल जोल का
बढ़ो आगे लिए जनवाद के मशाल 
जला दो पूजी का मोहक मायाजाल 
बुलंद करो ज्योति के रोशन जज्बात 
राख हो फिरकापरस्ती-ओ-जात-पांत
करो समाजभंजकों का बहुत बुरा हाल  
करके शानदार साझी वरासत बहाल 
आओ करें दियली-बाती का ऐसा कमाल 
चारों दिशाएँ हो जाएँ रोशनी से लाल लाल 
दीपावली की अनेकों शुभकामनाएं 
समानता स्वतंत्रता का रास्ता अपनाएं
(इमि/२३.१०.२०१४)

2 comments:

  1. समानता स्वतंत्रता का रास्ता उपलब्ध हो
    दीपपर्व सभी को बहुत बहुत शुभ शुभ हो ।

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  2. हैं नहीं उपलब्ध किसी को भी समानता-स्वतंत्रता के रास्ते
    समझते जो खुद को मालिक गुलामों से भी गुलाम हैं
    सम्पत्ति बन जाये जब जीवन के साधन से साध्य
    शौतान बन जाता है इनका इष्ट अाराध्य
    इसीलिये बनाने पड़ेंगे समानता स्वतंत्रता के रास्ते
    समाज को अाज़ाद रहने के काबिल करने के वास्ते

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