दीवाली की बधाइयां अनेक
तुम हो मेरे लिए लाखों में एक
हरने को अमावस्या का तिमिर
लगाओ प्रज्वलित दीपकों का शिविर
डालो दियली में तेल अमन-चैन का
आओ मनाएं त्यौहार मेल जोल का
बढ़ो आगे लिए जनवाद के मशाल
जला दो पूजी का मोहक मायाजाल
बुलंद करो ज्योति के रोशन जज्बात
राख हो फिरकापरस्ती-ओ-जात-पांत
करो समाजभंजकों का बहुत बुरा हाल
करके शानदार साझी वरासत बहाल
आओ करें दियली-बाती का ऐसा कमाल
चारों दिशाएँ हो जाएँ रोशनी से लाल लाल
दीपावली की अनेकों शुभकामनाएं
समानता स्वतंत्रता का रास्ता अपनाएं
(इमि/२३.१०.२०१४)
समानता स्वतंत्रता का रास्ता उपलब्ध हो
ReplyDeleteदीपपर्व सभी को बहुत बहुत शुभ शुभ हो ।
हैं नहीं उपलब्ध किसी को भी समानता-स्वतंत्रता के रास्ते
ReplyDeleteसमझते जो खुद को मालिक गुलामों से भी गुलाम हैं
सम्पत्ति बन जाये जब जीवन के साधन से साध्य
शौतान बन जाता है इनका इष्ट अाराध्य
इसीलिये बनाने पड़ेंगे समानता स्वतंत्रता के रास्ते
समाज को अाज़ाद रहने के काबिल करने के वास्ते