Tuesday, October 14, 2014

खुदा के दरबार में

कहते हैं  हवालात से फरार कुछ अपराधी पहुँच गए किसी खुदा के दरबार में 
दे पैगम्बरों से करीबी का हवाला ले आये फरिश्तों की सनद अपने बारे में 
देख मुल्क के मुश्किल हालात अच्छे दिन के लिए चुन लिया खुदा  ने उन्हें 
कुछ रह गए विधानसभा तक ही कुछ लोकसभा पहुँच गये
ईश्वर तो अन्तर्यामी है जान गया जनता की चाह 
अच्छे दिनों के लिए चाहिए  एक चमत्कारी शहंशाह 
था जो सबसे शातिर फ़रिश्ता बना दिया उसे ही बादशाह 
आस्थावान देश के लोग मानते रहे फ़रिश्तों के आदेश 
 भूमंडलीय साम्राज्यवाद के रसातल में समाता रहा देश
हो गया मगर जल्दी ही फरिश्तों का पर्दाफ़ाश   
उठ गया लोगों का खुदा पर से विशवास 
यह जानकार  लोग रह गए हक्का बक्का 
समझते थे जिसे खुदा निकला चोर-उचक्का 
धीरे धीरे लोगों को समझ आ जायेगी ये बात 
धर्म कर्म की बातें हैं शातिर दिमागों की करामात 
(इमि/१४.१०.२०१४)

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