कहते हैं हवालात से फरार कुछ अपराधी पहुँच गए किसी खुदा के दरबार में
दे पैगम्बरों से करीबी का हवाला ले आये फरिश्तों की सनद अपने बारे में
देख मुल्क के मुश्किल हालात अच्छे दिन के लिए चुन लिया खुदा ने उन्हें
कुछ रह गए विधानसभा तक ही कुछ लोकसभा पहुँच गये
ईश्वर तो अन्तर्यामी है जान गया जनता की चाह
अच्छे दिनों के लिए चाहिए एक चमत्कारी शहंशाह
था जो सबसे शातिर फ़रिश्ता बना दिया उसे ही बादशाह
आस्थावान देश के लोग मानते रहे फ़रिश्तों के आदेश
भूमंडलीय साम्राज्यवाद के रसातल में समाता रहा देश
हो गया मगर जल्दी ही फरिश्तों का पर्दाफ़ाश
उठ गया लोगों का खुदा पर से विशवास
यह जानकार लोग रह गए हक्का बक्का
समझते थे जिसे खुदा निकला चोर-उचक्का
धीरे धीरे लोगों को समझ आ जायेगी ये बात
धर्म कर्म की बातें हैं शातिर दिमागों की करामात
(इमि/१४.१०.२०१४)
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