Friday, October 3, 2014

ईश्वर विमर्श 13

भेदभाव अौर वर्गीय वर्चस्व पर अाधारित मर्दवादी वर्णाश्रम व्यवस्था को समतामूलक बौद्ध अभियान की चुनौतियों से बचाने के लिये किसी स्थानीय किंवदंति के नायक को महानायक बनाकर रामायण की रचना की गयी, जिसकी प्रतिक्रिया में अन्य रामायण रचे गये. राम मर्दवादी, वर्णाश्रमी मूल्यों के प्रतीक हैं अौर रावण उसी पैराडाइम  में विचलन का. ब्राह्मण होकर, कोटिल्य की तरह किसी चंद्रगुप्त की खोज करने की बजाय खुद सत्तासीन हो गया अौर अपने राज्य के लिये सोने की लंका की उपमा अर्जित की. जहां अौरतें तीरंदाजी या वेटलिफ्टिंग जैसी प्रतियोगिताअों में पुरस्कारस्वरूप अर्जित की जाती हों वहां उसकी बहन अौरत होकर प्रणयनिवेदन करती है अौर नाक-कान से हाथ धो बैठती है. प्रतिशोध में हवाई यात्रा की क्षमता अौर हिप्नोटिज्म की दक्षता से राम की बीबी को किडनैप करके 5-स्टार गेस्ट हाउस (अशोकवाटिका) में रखता है तथा रानी बनने का अाग्रह करता रहता है. उसको मारने के बाद राम जी ने अग्निपरीक्षा के बावजूद सीता जी के साथ क्या किया, सर्वविदित है.

16वीं-17वीं शताब्दी तक  एकेश्वरवादी अौर समानता की सैद्धांतिक संभावनाअों वाले इस्लाम के प्रति, खासकर, कारीगर-कामगर जातियों के अाकर्षण से ब्राह्मण धर्म को मिलने वाली चुनौती के जवाब में महाकवि तुलसी ने राम को महानायक से विष्णु का अवतार बना दिया. अाज, कारपोरेटी राज के भूमंडलीकरण के दौर में  भारत में साम्राज्यवादी, भूमंडलीय पूंजी को जनवाद की संभावित चुनौतियों के जवाब में राम युद्धोंमादी सांप्रदायिक अभियान के प्रतीक बन गये. लेकिन अायेगा जब, अायेगा ही, जब जनवादी सैलाब, नहीं रोक पायेगा उसे कोई रामोन्माद.

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