सच कह रहे हो मोदी-भक्तों संघी सोचता नहीं करता है अगर सोचता तो मुल्क में विध्वंशक हरकतों से फिरकापरस्ती का जहर न फैलाता. क्योंकि शाखा में सोचना नहीं तोते की तरह रटना और भेंड की तरह अनुशरण सिखाया जता है. और सुनो बजरंगी भक्तों! मेरा कलम तुम्हारा या तुम्हारे मोदी भगवान का गुलाम नहें है. जितना करोगे कोशिस तोड़ने का कलम, उतनी बुलंद होगी आवाज़.
यह कुछ क्या होता है, स्पष्ट बताइये क्या अच्छा काम किया है मुल्क को गिरवी रखने के लिए प्रो-कारपोरेट नीतियों के अलावा. ६० दिन में कला धन वापस ला रहा था लेकिन जिनने उसे प्रधानमंत्री बनाया उनका नाम कैसे ले. वैसे तो ५ साल चलेगी नहीं यह सरकार. अपने ही भार से दब जायेगी, चल गए तो मुल्क बेहाल हो जाएगा. आलोचना तो बनकर में आत्महत्या करने वाले, गोलवलकर के आदर्श हिटलर जैसे नरपिशाच की भी करते है, उसने भी मोदी जी की तरह हजारों लोगों का क़त्ल-ए-आम कराया था.
मोदी प्रधान मंत्री हैं होना चाहिए या नहीं पर बहस अप्रासंगिक है. आरआर यसयस साम्प्रादायिक धर्मोन्माद पर आधारित एक फासिस्ट संगठन है. मैंने राजनीति के शुरुआत संघी पाठशाला से किया और विद्यार्थी परिषद् का नेता रहा हूँ. कितना सरकारी गैरसरकारी फंड भूचाल की विपदा में संघी यनजीओ में गए. इसलिए संघ के चरित्र के बारे में मुझे न बताएं नहीं तो अरुण जेटली या मुरली मनोहर जोशी जी से पूछ लें.मैं आप से भी वही सवाल पूछ यरह हूँ जो बाकी मोदी भक्तों से पूछता हूँ आप मोदी जी का नाफरत फैलाने और लाफ्फाजी करने या अडानी-अम्बानी को गुजरात लुटाने के अलावा अपने आराध्य का एक वाक्य या वाकया उद्धृत करें जिससे वह आपको विश्व-उद्धारक लगता है?
यह कुछ क्या होता है, स्पष्ट बताइये क्या अच्छा काम किया है मुल्क को गिरवी रखने के लिए प्रो-कारपोरेट नीतियों के अलावा. ६० दिन में कला धन वापस ला रहा था लेकिन जिनने उसे प्रधानमंत्री बनाया उनका नाम कैसे ले. वैसे तो ५ साल चलेगी नहीं यह सरकार. अपने ही भार से दब जायेगी, चल गए तो मुल्क बेहाल हो जाएगा. आलोचना तो बनकर में आत्महत्या करने वाले, गोलवलकर के आदर्श हिटलर जैसे नरपिशाच की भी करते है, उसने भी मोदी जी की तरह हजारों लोगों का क़त्ल-ए-आम कराया था.
मोदी प्रधान मंत्री हैं होना चाहिए या नहीं पर बहस अप्रासंगिक है. आरआर यसयस साम्प्रादायिक धर्मोन्माद पर आधारित एक फासिस्ट संगठन है. मैंने राजनीति के शुरुआत संघी पाठशाला से किया और विद्यार्थी परिषद् का नेता रहा हूँ. कितना सरकारी गैरसरकारी फंड भूचाल की विपदा में संघी यनजीओ में गए. इसलिए संघ के चरित्र के बारे में मुझे न बताएं नहीं तो अरुण जेटली या मुरली मनोहर जोशी जी से पूछ लें.मैं आप से भी वही सवाल पूछ यरह हूँ जो बाकी मोदी भक्तों से पूछता हूँ आप मोदी जी का नाफरत फैलाने और लाफ्फाजी करने या अडानी-अम्बानी को गुजरात लुटाने के अलावा अपने आराध्य का एक वाक्य या वाकया उद्धृत करें जिससे वह आपको विश्व-उद्धारक लगता है?
फासिस्ट हस्मेशा उन्मादी जन समर्थन से ही सत्ता पाते हैं और आप पर और समय नशीं खर्च करना. बाय. जो बातें मैं कहता हूँ उसपर टिप्पणी करना ह्पो तो बोलेन वरना विदा लें. संघी केवल निजी आक्षेप की भाषा जनता है. मोड ६० दिन में कालाधन वापस ला रहा था अब कह रहां है की काले धन के नाम बताने से देश खतरे में पद जाएगा, यह थूक कर चाटना हुआ. कैसे नाम बताएँगे?
Narendra Kumar Singh Sengar हिटलर पर भी किसी अफ्दालत ने कोइ आरोप नहीं साबित किया. आप श्रम नीतियों के प्रस्ताव और साम्प्राज्य्वादी फालतू पूंजी को प[अनाह देने वाली नीतियाँ क्या करती हैं, जो जितने दंगे करवाता है मोदी उसको उतना ही पारिश्रमिक देते हैं. साबित नहीं हुआ तो इनके मुख्यमंत्रित्व में ह्जफ्य्तों कुहराम मचा रहा तो ये तो बहुत नाकारा नेता हुए. आप एक सद्गुण बता दें इससे मोदी जे आपके आराध्य हो गए? ईमानदारी से बताइये गुजरात सरकार इतने कत्ल-ए-आम, लूट और बलात्कार न प्रायोजित करती तो क्या मोदी जी चुनाव जीत पाते?
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