Sunday, October 27, 2013

दिल की आवारगी

आंखो का सुकून और दिल की आवारगी
कानों के सुख से मिली स्वाद की सादगी
उन गुलों की सुगंध है नीकों में आज भी
चाहिए इस ज़िंदगी महज़ दोस्ती आपकी
[ईमि/28.10.2013]

No comments:

Post a Comment