Monday, October 28, 2013

फेंकू का है इतिहास ज्ञान निराला

फेंकू का है इतिहास ज्ञान निराला
लिखा नहीं जो वह सब पढ़ डाला
जाता जब वह बिहार करता हुंकार
सिकंदर गया था चंद्रगुप्त से हार
है यह सिरे से ही  बिल्कुल अलग बात
 चंद्रगुप्त नहीं घननंद था तब मगध सम्राट
जाना जब सिकंदर ने उसकी सेना का आकार
 हिम्मत हार लौट गया किया न झेलम पार
इहलोक से उहलोक का जानता हा ये रास्ता
विवेकानंद से है श्यामाप्रससाद मुलाकात कराता
है यह इतिहास का इतना बड़ा ज्ञानी
भगत सिंह को भेज देता है काला पानी
किया भगत सिंह पर उसने एक उपकार मगर 
कहा नहीं कि गुरू था उनका सावरकर 
एक खिदमतदार है इसका एक फौजी जनरल
उवाचता है वह भी इतना ही अनर्गल
एक सभा में उसने ललकारा 
शास्त्री नहीं अटल ने दिया जय-जवान जय-किसान का नारा
इतिहास ही नहीं भूगोल में भी भरमाता है
तक्षशिला को बिहार में बताता है
एक गुरू गोलवलकर इसका आका था
हिटलर को अपना गुरू बताता था
कहा उसने उत्तरी ध्रुव पहले था वहां
बिहार और उड़ीसा है आज जहां
फासीवीद जहां भी आता है
इतिहास की किताबें जलाता है
करे यह विकृत इतिहास का वजूद
उससे पहले कर दो इसे नेस्त-नाबूद
[ईमि/28.10.2013]

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