Wednesday, October 9, 2013

तुम सा हमसफर

तुमने तो मुझे वाचाल बना दिया है

बुढ़ापे में जवान बना दिया है. हा हा

[ईमि/09.10,2013]

कुछ बात खास तो है तुममें ज़िगर
वरना यूं ही वाह वाह नहीं कहता

तेरी वफा ने कर दिया दिल बाग बाग

जवानी तो हर उम्र में आती है 
हो कोई ग़र तुम सा हमसफर

[ईमि/09.10,2013]

तेरे चाहने वालों में नहीं कोई मुझ सा
चाहत की कतार में मैं नहीं खड़ा होता

[ईमि/09.10,2013]

मैं तो कभी करता नहीं वजूद हावी

यकीन करता हूं जनतांत्रिक समानता में

[ईमि/09.10,2013]

सच है नहीं किया तुमने मुहब्बत का गुनाह 
हेकड़ी दिखाया मगर मुहब्बत नाकबूली की

[ईमि/10.10,2013]

होती जो एकतरफा मुहब्बत नहीं होती
डर से जमाने के ज़िंदगी नहीं चलती

[ईमि/10.10,2013]

टूटता है अंदर से जब कोई इंसान 
हो जाता है दिल-ओ-जान लहू-लुहान
उठता है गिरकर अगर है वो मजबूत
देता है फिल से खुद्दारी का सबूत
[ईमि/10.10,2013]

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