ये जो ज़िंदगी की किताब है
है दर-असल एक यात्रावृतांत
एक फ़साना सहयात्रा का
साथ अलग-अलग लोगों के
चले साथ हम कुछ दूर जिनके
अलविदा कहने के पहले
फिर भी मिल सकते हैं
फिर कभी संयोग से
अहम् है लेकिन इसमें एक बात
गुणवता इस छोटी सी सहयात्रा की
[ईमि/०४.१०.२०१३]
है दर-असल एक यात्रावृतांत
एक फ़साना सहयात्रा का
साथ अलग-अलग लोगों के
चले साथ हम कुछ दूर जिनके
अलविदा कहने के पहले
फिर भी मिल सकते हैं
फिर कभी संयोग से
अहम् है लेकिन इसमें एक बात
गुणवता इस छोटी सी सहयात्रा की
[ईमि/०४.१०.२०१३]
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