Monday, October 28, 2013

संघी फासीवाद

संघी फासीवाद जहां भी जाता
अपनी जहालत का शोर मचाता
वह बजरंगी गुंडों की भीड़ जुटाता
आग लगाता, लूट मचाता, कत्ल कराता
मां-बहनों की खुले-आम इज्जत लुटवाता
इसी को हिंदू संस्कृति बतलाता
इसके हैं इससे भी ज़ाहिल चमचे
डिग्री लेकर त्रिसूल बांटते
मानवता का गला घोंटते
बन गया यह गर देश का नेता
होगा इन चमचों का चहेता
चमचे नहीं जानते इतिहास
हिटलरों का होता ही है सत्यानाश
[ईमि/28.10.2013]

4 comments:

  1. शुक्रिया. मैं कैसै शामिल होऊं?

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  2. सबकी अपनी-अपनी सोच है।।
    मुंडे-मुंडे मतिर्भिन्नाः।

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