जब ईश्वर होता ही नहीं तो किसी का कारण कैसे हो सकता है? यदि है तो उसका कारण क्या है? ईश्वर ने मनुष्य को नहीं बनाया बल्कि मनुष्य अपने ऐतिहासिक संदर्भ में ऐतिहासिक कारणों से ईश्वर की अवधारणा निर्मित करता है, इसीलिए वह देशकाल के हिसाब से बदलती रहती है। पहले ईश्वर गरीब और असहाय की मदद करता था अब सबल की। (God helps those who help themselves.) जिन्हें अपने स्व (आत्मबल)की अनुभूति हो जाती है उन्हें किसी ईश्वर या खुदा की बैशाखी की जरूरत नहीं होती। आइंस्टाइन ईश्वर की उत्पत्ति का कारण भय मानते हैं, उसमें अज्ञान जोड़ देना चाहिए। हमारे ऋगवैदिक पूर्वजों ने जीवन पर आमूल प्रभाव डालने वाली इंद्र [जल] सूर्य, वायु, अग्नि आदि प्राकृतिक शक्तियों को ईश्वर मान लिया था।
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