Monday, May 31, 2021

शिक्षा और ज्ञान 309 (विज्ञान की संभावनाएं)

 जगत की ही तरह ज्ञान और विज्ञान की संभावनाएं भी अनंत है, आज जो जगत ज्ञात है कल तक वह अज्ञात था। ध्वनियों और इशारों से भाषा का अन्वेषण हुआ जो कि एक क्रांतिकारी अन्वेषण था, शब्दों के अन्वेषण ने भाषा को समृद्ध किया और ज्ञान की प्रक्रिया आगे बढ़ी। पाषाण युग में विज्ञान की सीमा पाषाण के यांत्रिक उपयोग की थी और पाषाण से अग्नि का अन्वेषण एक क्रांतिकारी अन्वेषण था जिसने नई चेतना विकसित की और ज्ञान की प्रक्रिया आगे बढ़ी। फल-फूल, कंदमूल से आगे शिकार जब आजीविका का साधन बना तो तीर-धनुष का अन्वेषण एक क्रांतिकारी अन्वेषण था। हर पीढ़ी पिछली पीढ़ी की उपलब्धियों को सहेज कर आगे बढ़ाती है तथा निरंतर प्रक्रिया में असीमित जगत को जानने की सीमित विज्ञान की पुरानी सीमाएं टूट कर नई सीमाएं बनती हैं। असीमित जगत का काफी हिस्सा विज्ञान द्वारा ज्ञात है, काफी अभी ज्ञात होना है। असीमित जगत को जानने की निरंतर प्रक्रिया में सीमित ज्ञान-विज्ञान की संभावनाएं अनंत हैं। जगत की ही तरह विज्ञान भी स्थिर नहीं गतिशील है और इतिहास की तरह अपनी यात्रा के गतिविज्ञान के नियम निरंतर विकसित करता रहता है।

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