इस देश में वामपंथ लगभग नावजूद है और इस ग्रुप को वामपंथ का कोई खतरा नहीं है, न ही ग्रुप में कोई मुखर मुसलमान है, लेकिन कुछ लोग समाज की ज्वलंत समस्याओं पर विमर्श की बजाय या तो हिंदू-मुसलमान नरेटिव से सांप्रदायिक विद्वेष का विषवमन करते रहते हैं या बेबात वाम वाम करने लगते हैं। ऐसे लोगों से आग्रह है कि अनायास हर जगह वाम या मुसलमान के भूत की पीड़ा का भजन गाने की बजाय, सांप्रदायिकता और वाम पर अलग अलग विस्तृत विमर्श कर लें।
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