अगर श्रृष्टि का निर्माण ईश्वर ने किया तो ईश्वर का निर्माण किसने किया? ईश्वर ने श्रृष्टि का निर्माण नहीं किया बल्कि मनुष्य ने अपनी ऐतिहासिक परिस्थितियों में ईश्वर के विशिष्ट स्वरूप की रचना की। इसीलिए उसका स्वरूप और चरित्र देश-काल के अनुसार बदलता रहता है।
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डॉ. सर्वेश मणि त्रिपाठी
ReplyDeleteसर! तार्किक दृष्टि से यदि ईश्वर को नही मानते हैं तो फिर उसका खण्डन करना भी उसे सिद्ध करेगा...वैसे सामान्य तौर पर लोग जैसे ईश्वर को मानते हैं, भले ही वो ऐतिहासिक दृष्टि से मनुष्य के भय का परिणाम रहा है, लेकिन प्रकृति के रूप में सूर्य, धरती, चन्द्रमा, पवन, आदि को ईश्वर के रूप में स्वीकार करना और उनकी आराधना करना किसी भी दृष्टि से अतार्किक नही हो सकता है..वास्तव में ईश्वर उस ऊर्जा को मान सकते है, जिससे समस्त ब्रह्माण्ड संचालित हो रहा है.. जो आपमें और हम में हैं..
· Reply · 6h
Ish Mishra
यही प्राकृतिक शक्तियां हमारे ऋगवैदिक पूर्वजों की आराध्य शक्तियां थीं क्योंकि अपने जीवन में इनकी विभीषिका और जीवनदायी श्रोत के रूप इनकीनमहत्ता महसूस करते थे किंतु विकास के उस प्रचीन चरण में समझ नहीं पाते थे और इन्हें दैवीय मान लिया।