Saturday, July 19, 2014

DU 32

Satya Narayan Sharma जवानी एक अवधारणा है जो उम्र की मोहताज नहीं होती (दिल बहलाने को ग़ालिब खयाल अच्छा है) वैसे ही जैसे बुढ़ापा. दिल जज्बातों के ज्वालामुखी की ज्वाला की जगह युवक-युवतियों में शह की तरल मुसाहिदी देख बुढ़ापा सहम जाता होगा. दर्द-ए-मुहब्बत एक अंतःविरोधाभासी शगूफा है हुस्न के जलवे के ग़ज़लगो और माशूक के जुल्फों में फंसे शायरों का. नस्ल-ए-आदम की आशिकी का एक ही रिवाज़ है -- सुकून-ए-मुहब्बत. ग़म-ए-जुदाई एक हिस्सा है सुकून-ए-मुहब्बत का. हा हा.  Siddharth Kanoujia इस तुकबंदी में कथन में बेईमानी से बचने के लिए "हर" शब्द बाद में जोड़ दिया. हे हे. वैसे हर चुंबन पहला ही लगता है.

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