Sunday, February 23, 2020

शिक्षा और ज्ञान 271 (भाषा)

भाषा का आविष्कार मनुष्य और उसकी सभ्यता के विकास में क्रांतिकारी आविष्कार रहा है। ऊपर आपने सही कहा है कि पशुपालन केंद्रित वैदिक सभ्यता से पहले सिंधु घाटी सभ्यता के समानांतर अन्य सभ्यताओं की भी भाषाएं रही होंगी। सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि दुर्भाग्य से अपाठ्य बनी हुई है। हमारे वैदिक पूर्वजों का ज्ञान श्रुति ज्ञान था लिपि का आविष्कार (शायद ) उत्तरवैदिक काल में हुआ। बुद्ध के समय तक लिपि का आविष्कार हो चुका था लेकिन बौद्ध साहित्य की भाषा संस्कृत नहीं पाली थी और लिपि देवनागरी नहीं, ब्राह्मी थी। आधुनिक भाषाओं में चीनी भाषा की लिपि अति प्राचीन है। फारसी, संस्कृत तथा यूरोपीय भाषाओं में शब्दों और व्याकरण की सापेक्ष समानताओं को देखते हुए इंडो-आर्यन या इंडो-यूरोपियन भाषा समूह की अवधारणा मिथक नहीं वास्कतविक लगती है।

नोट: मैं भाषा-विज्ञान का विद्यार्थी नहीं रहा हूं, उपरोक्त विचार सहजबोध (कॉमन सेंस) के आधार पर व्य्त किया गया है।

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