एक सज्जन ने कहा वामपंथी भारतीय संस्कृति के दुश्मन हैं, यह पूछने पर कि भारतीय संस्कृति क्या है, बोले इंसान से बाभन बन जाऊं तब बताएंगे। उस पर –
बहुत मुश्किल से तो बाभन से इंसान बन पाया हूं, इस प्रक्रिया में रिवर्स गेयर नहीं होता। आपको मालुम ही नहीं भारतीय संस्कृति होती क्या है? यों ही वाम वाम की तरह संस्कृति संस्कृति करते रहते हैं।
इस पर उन्होने बताने की बजाय कहा मुझे कुछ नहीं आता। उस पर --
इसीलिए तो अज्ञान कम करने के लिए आप से पूछता हूं लेकिन आप तो पहले वाम वाम अभुआते रहते थे अब संस्कृति संस्कृति अभुआने लगे हैं। वाम पर तो क्लास ले रहा था, आप तो ध्यान से क्लास किए नहीं, अब संस्कृति पर क्लास लगाऊंगा, उसमें भी आप ऐसे ही करेंगे। चलिए होम वर्क के तौर पर राहुल सांकृत्यायन की आधुनिक पुस्ततक मंडप से प्रकाशित 'बौद्ध संस्कृति' पढ़कर आइए, भारतीय संस्कृति पर लंबी भूमिका है। फिर क्लास करते हैं। जिन अवधारणाओं का प्रयोगर करें उनके बारे में पाठकों को कुछ बता भी दें, नहीं तो सब यही कहेंगे कि साइंस वाले समाज-संस्कृति के बारे में ऐसेही ... समझ रखते हैं। सादर।
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