Thursday, February 13, 2020

मार्क्सवाद 202 (केजरीवाल)

दिल्ली विधान सभा चुनाव में आपकी जीत से राहत की अनुभूति तो मिली लेकिन वैचारिक सवालों को दरकिनार कर अरविंद केजरीवाल की आप मोदी-शाह की भाजपा को ही प्रतिध्वनित करती है। राहत इसबात से है कि मतदातों ने शाहीन बाग के प्रतिरोध को पाकिस्तान की रहनुमाई नहीं माना, उन्होंने इसे विधान सभा का चुनाव माना न कि भारत पाकिस्तान युद्ध या दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच। मतदाताओं ने भाजपा को भारत मानने से इंकार कर दिया। लेकिन मोदी और केजरीवाल दोनों ही खुद को कट्टर राष्ट्रभक्त कहते हैंं, दोनों भारत माता की जय से अपना भाषण शुरू करते हैं, एक के समर्थक जयश्रीराम के नारे के साथ हुडदंग मचाते हैं, दूसरे के जय बजरंगबली के नारे से जवाब देते हैं। मोदी शाहीन बाग को चुनावी मुद्दा बनाते हैं केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली पुलिस उनके नियंत्रम में होती तो एक घंटे में शाहीन बाग हटा देते। दोनों को ही पार्टी के अंदर-बाहर विरोधी बर्दाश्त नहीं हैं। केजरीवाल मोदी के विकल्प नहीं पूरक हैं।

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