Wednesday, February 26, 2020

लल्ला पुराण 262 (दंगा)

दंगाई को हिंदू मुसलमान में बांटने और सेकुलरिज्म को जहर बताने का मतलब यह भी है कि कम्युनविज्म अमृत है। हिंदू-मुस्लिमसे ऊपर उठकर सभी दंगाइयों की भर्त्सना कीजिए चाहे वह वारिश पठान हो चाहे कपिल मिश्र। आप तथ्य-तर्कों से समझा दें तो मेरा विचार क्यों नहीं बदल सकता लेकिन बदल कर विवेकशील इंसान से सांप्रदायिक दंगाई तो बन नहीं सकता। मुल्क बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है, इसमें विवेक की जरूरत है, आइे मानवताऔर अमन-चमन की दिशा में काम करें। अभी करावलनगर से आ रहा हूं वहां दोनों मजहबों के लोगोंने मिलकर एकता के नारे लगाए और दंगाइयों तथा उन्हें प्रश्रय देने वाले पुलिस वालों को खदेड़ दिया, वहां एनडीटीवी वाले शूटिंग कर रहे थेदोनों मजहबों को लोग मानव श्रृंखला बनाकर बच्चों को स्कूल भेज रहे थे, गुरुद्वारे किसी भी पीड़ित के लिए खोल दिए गए हैं।

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