जामिया की लाइब्ररेरी में पुलिसिया कार्रवाई के एक वीडियो शेयर करने पर एक सज्जन ने कहा मैं एकपक्षीय बात करता हूं और संपादित वीडियो शेयर करता हूं। उस परः
हम अन्याय के विरुद्ध न्याय की पक्षधरता के पक्षधर हैं। हम तो सही वीडियो ही शेयर करते हैं भक्तिभाव के दुराग्रह भक्तों की संवेदना को बर्बर कर देते हैं उन्हें हैवानियत दैवीय दिखने लगती है और मष्तिष्क चक्षु पर ग्रहण लग जाता है, जिससे सत्य दिखता नहीं। मेरा तो मानना हैकि चिंतनशक्ति (दिमाग) मनुष्य की प्रजाति-विशिष्च प्रवृत्ति है, जो मनुष्य को पशुकुल से अलग करती है। कुछलोग अंधभक्ति में उसे निलंबित कर पशुकुल में ही पुनः वापस जाना चाहते हैं, शिक्षक होनेके नाते उन्हें ऐसाकरनेसे रोकने का प्रयास करता हूं। सादर।
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