DS Mani Tripathi मैं राजाओं के गुंडा होने की बात नहीं कर रहा था बल्कि एक इतिहासकार के गुंडे चेले की बात कर रहा था। वे खुद निहायत शरीफ और बड़े विद्वान हैं। मंडल निर्णय के बारे में हमल एक दूसरे के मतभेदिक विचार जानते हैं। वीपी सिंह का मंडल निर्णय खलनायक बनने का खतरा उठाकर साहसिक निर्णय था। मुझे याद है उसके बाद पड़ने वाली रामलीला तथा होली में (सवर्ण) बच्चे वीपी सिंह का पुतला जला रहे थे। उस समय कैंपसों की संरचना आज जैसी नहीं थी, गैर सवर्ण आबादी नगण्य थी, इसलिए मंडल विरोधी उन्माद एकतरफा था। दिवि शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष तथा जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ाथा।
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