Tuesday, February 25, 2020

लल्ला पुराण 258 (तर्क)

Raj K Mishra भाषाकी तमीज अगर गड़बड़ नहीं है तो श्रोत पूछना बताना अपशब्द कैसे हुआ? दलाल, या हरामखोर किसी को नहीं कहा। जंग चाहता जंगखोर ताकि राज करे हरामखोर, नारे का जिक्र किया हूं। किसी ने औरोंको हरामखोर कहातो कभी यह कहा हूंकि सबमें अपनी छवि दिखती है। बजरंगी बजरंग दलीय दंगाई प्रवृत्ति है बजरंगी लंपटता शब्द का पहले प्रयोग करताथा किसी को निजी रूप से लंपट नहीं कहा। असहमकति बिल्कुल स्वीकार करता हूं असहमति की बजाय यगदि कोई निजी आक्षेप करता हैतो उस पर कभी फौरी प्रतिक्रिया करता हूं। जो लिखा उस पर तर्क करता हूं नहीं मानना हैतो मत मानिएजबरदस्ती मनवाने की कोशिस कभी नहीं करता। तर्क जो करता है मानता हूंलेकिन तर्क की जगह निजी आक्षेप पर आपत्ति करता हूं। जब भी कुतर्क दिखेतुरंत इंगित कीजिए, हवा में आरोप मत लगाइए। यदि तर्क न मानूं तो कटघरे में खड़ा कीजिए, वैल्यू जजमेंट तर्क नहीं होता।

No comments:

Post a Comment