हमारे समय में तो कक्षा 9 में विषय-चुनाव का विकल्प था और हमने तभी जीवविज्ञान के बदले संस्कृत ले लिया था, इसलिए इंटर और बीएससी में गणित या जीवविज्ञान में चुनाव की दुविधा नहीं थी। वैसे डीपीएस के मेरे गणित पढ़ाए छात्रों के परिचित मिलते हैं तो कहते हैं गणित में रुचि के लिए मुझसे पढ़ लें। मैंने 36 साल से गणित की किताब नहीं छुई है। स्कूल में लगता था कि गणित जैसे आसान विषय में कोई कैसे फेल हो सकता है?
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