बाल्मीकि का मकसद बौद्ध संस्कृति के विरुद्ध ब्राह्मणवादी प्रतिक्रांति की बौद्धिक पुष्टि थी, तुलसी का उद्देश्य भक्ति आंदोलन के समतामूलक संदेश का खंडन-मंडन। भारत में शासक जातियां ही शासक वर्ग भी रही हैं, तथा जैसा मार्क्स ने लिखा है शासक वर्ग के विचार शासक विचार भी होते हैं। शासक जातियों द्वारा तुलसी को सिर पर बैठाना तो स्वाभाविक है लेकिन शासित जातियां भी उन विचारों के प्रभामंडल से चकाचौॆध हैँ।
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