शुक्रिया.
होता है वह एक चिंतनशील इंसान
करे जो हर बात पर सवाल-दर-जवाब-दर-सवाल
अमूर्त लफ्फाजी की मांगता जीती-जागती मिसाल
करता खुद की विरासती सोच से सवालों का सिलसिला
है जो निर्ममता से संस्कारों की चीड़-फाड़ का मामला
तोड़ देता है संस्कारों की तर्कविसंगत विरासत
उतार फेंकता है परंपराओं की सड़ी नैतिकता का बोझ
बंद कर देता सर पर पूर्वजों की लाशें ढोने की रवायत
और भरता है नवनिर्मित निर्वात
विवेकसम्मत जनपक्षीय जज्बात से
करता है ज़ुल्म के मातों की ग़मखारी
जाये जान चली जाए
करता नहीं मगर मजदूर से गद्दारी
करता है बात वही हो जो तथ्य-तर्कों से प्रमाणित
करता है हवाई लफ्फाजी और कुतर्कों को खारिज
मिलाता नहीं हां में हां करता है हर वितंडे पर बवाल
हो मुद्दा ग़र उसूलों का खीचता है बाल-की-खाल
कहता है वो ग़र भक्त किसी भक्त को
तो देता नहीं उसे देशभक्ति सा तमगा
बतलाता है महज
भक्तिभाव के असाध्य रोग के चंद लक्षण
(ईमिः28.09.2016)
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