Sunday, September 4, 2016

लल्ला पुराण 179 (शिक्षा और ज्ञान 82)

राहुल सांकृत्यायन तथा अन्य इतिहासकारों की बात छोड़ दीजिए लोकमान्य  बालगंगाधर तिलक भी उत्तरी ध्रुव को ही  ऋग्वैदिक आर्यों का मूल-स्थान बताते हैं. वेदों में आर्यों को सप्त सैंधव  क्षेत्र का निवासी बताया गया है.(सिंधु से   सरस्वती के बीच). राहुल सांकृत्यायन और प्राचीन इतिहास के विद्वानों का मानना है कि सरस्वती के सूखने के बाद वे पूरब यमुना पार कर आगे बढ़े. आर्यों का यहां का मूल निवासी होना आरयसयस का गढ़ा सिद्धांत है. गोलवल्कर से जब पूछा गया तो अब तिलक को कैसे खारिज करते उन्होने ने एक मौलिक भूगर्भशास्त्रीय सिद्धांत दिया. उन्होने कहा कि सब चीजों की ही तरह उत्तरी ध्रुव भी चलायमान है और अति प्राचीन काल में वह वहां था जिसे आज हम बिहार और उड़ीसा कहते हैं. (वि ऑर आवर नेशन डिफाइन्ड, 1939).

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