Umesh Sharma "दीनदयाल जी की मृत्यु 1953 मे.हुई ओर अटल जी ने दुर्गा 1971 के युद्ध के बाद कहा....अटल जी जैसे व्यक्तित्व पर भी इतना घटिया आरोप...डूब मरो" डूब तो आपको मरना चाहिए अपनी अनभिज्ञता की शर्म में. आपकी प्रोफाइल से पता चलता है कि आप बीजेपी के सांसद हैं? चुन-चुन के टिकट दिया गया है लगता है! ऐसे ऐसे सांसद हैं जो अपने विचारपुरुषों के बारे में भी नहीं जानते?दीनदयाल की मौत 1953 में हुई!! हा हा. दीनदयाल 1968 में बरास्ता मुगलसराय ट्रेन में मरे पाए गए थे. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बलराक मधोक ने इस हत्या को जनसंघ की अंदरूनी शक्ति-समीकरण का परिणाम बताया था. मैं तब एक मूर्ख बालक की तरह बाल स्वयंसेवक था. वीरेश्वर या ऐसा ही कोई --एश्वर जौनपुर का जिला प्रचारक था, उसने दीनदयाल की हत्या को स्वाभाविक मौत बताया था तथा जांच की मांग करने वालों को संघ को बदनाम करने वाले पाकिस्तान समर्थक. उसके कुछ दिनों बाद गोलवल्कर का बनारस में कार्यक्रम था, उन्होंने अपने लंबे भाषण में इसका जिक्र नहीं किया था. वैसे समाज के बारे में दीनदयाल की सोच उतनी ही निंदनीय है जितनी गोलवल्कर की.
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