Shashi K Chaturvedi सौभाग्य से अभी भी इस मुल्क में धर्मोंमादी मानसिक विकृति के शिकार अल्पमत में हैं. मुल्ले की दौड़ मस्जिद तक. यदि मैं हिंदुस्तान में धर्मोंमाद के विरुद्ध हूं तो आपने मान लिया कि मैं पाकिस्तान और बांगलादेश में धर्मोंमाद का समर्थक हूं? सारे धर्मोंमादी मौसेरे भाई हैं. फाहमिदा रियाज ने पहली यनडीए सरकार के वक़्त एक कविता लिखा था, याद नहीं लेकिन जिसका मतलब था कि आओ मेरे भाई तुम भी वहां पहुंच गये जहां हम पहले से थे. इसी धर्मोंमाद के चलते पाकिस्तान में 4 बार सैनिक तानाशाहियां लागू हो चुकी हैं. क्या आप हिंदुस्तान को भी वही बनाना चाहते हैं? बांग्लादेश में धर्मोंमादी सिर्फ अल्पसंख्यकों पर ही नहीं कहर बरपा रहे हैं बल्कि यहीं के धर्मोंमादी आतताइयों की ही तरह हर तर्कशील व्यक्ति पर. आप तीनों ही मुल्कों में अमन-चैन चाहते हैं या बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म के बदले यहां के अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म ढाना चाहते हैं जिनका पाकिस्तान या बांग्लादेश के आततताइयों से कुछ लेना-देना नहीं है?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment