भांति भांति के राम अौर भांति-भांति के हनुमान
कुछ हैं हिटलरी हनुमान तो कुछ अंबेडकरी हनुमान
कुछ मददगार बनते सीटियाबाजी में साहब की
करवा देते फर्जी मुठभेड़ों में कितनों के काम तमाम
छोड़ते जो वज़ारत करते राम जब कत्ल मुसलमान
चिराग जलाने घर का बन जाते अंबेडकरी हनुमान
हिंदू धर्म को लात मार बने थे राम से जो उदितराज
लालच में अमृत के बने वे भी अारक्षणी हनुमान
अाया जमाना ऐसा है जिधर देखो उधर हनुमान
कांग्रेसी हनुमान संघी हनुमान समादवादी हनुमान
स्देवशी हनिुमान विदेशी हनुमान निवेशी हनुमान
जय जय जय जय जय जय जय जय जय हनुमान
(ईमिः 19.05. 2015)
हनुमान पुराण में अभी काफी कुछ छूटा हुआ है.
ऩाम है नकवी मुख्तार अब्बास कहलाता इलाहाबादी
हनुमानत्व से जिसके जलती हनुमानों की सारी अाबादी
है एक अकबर यमजे होता था पहले कांग्रेसी इंसान
पाने को जगह दरबार-ए-राम में बन गया वह भी हनुमान
कई प्रोफेसर भी खुदा की खुदाई में मानते हैं खुद को भगवान
पालते हैं कई दड़बों में कई कोटियों के लक्ष्मण-ओ-हनुमान
जय हनुमान चरण-रज सागर जय कपीश चहुं ओर उजागर
मक्खन-श्रोत कपट के माहिर शहर जलाने में जगजाहिर
करेगा न जो राम भक्ति खत्म कर देगी बजरंगी शक्ति
हर हर हनुमान बड़हर हनुमान छोटहर हनुमान मोटहर
जिहरै देखो वोहरै हनुमान जय हनुमान जय हनुमान
(ईमिः 19.05.2015)
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