बरी हो जाते हैं जयललिता ओ सलमान
लड़ते हैं मुकदमा इनका ज्ञानी ओ गुणवान
छूटे नहीं अभी तक बस बापू आसाराम
लड़ेगा मुकदमा उनका अब स्वामी एक सन्नाम
मर गये अब तक कई चश्मदीद गवाह
स्वयंभू भगवान की है महिमा अथाह
क्लीन चिट देता अमित शाह को जो न्यायपाल
सेवानिवृत्ति पर अपनी बन जाता राज्यपाल
हजारों मासूम बिना मुदमा जेलों में सड़ते हैं
बुजुर्ग कोबाड गांधी अद्भुत लिखते हैं
मगर तिहाड़ में वे किताब को तरसते हैं
हिटलर के वारिस लाइब्रेरियां जलाते हैं
पहिये की कुर्सीवाला सांई जेल जाता है
हत्यारा बाबू बजरंगी मौज उड़ाता है
अच्छे दिन का ग़र रहा यही निज़ाम
क्या करेगा यह भयभीत आम आवाम
तोड़ेगा वह सत्ता के भय का भ्रमजाल
बन जायेगा ज़ुल्म के निज़ाम का काल
होगा न नजर-ए-ज़िंदां कोई बेगुनाह
ज़ालिम को न मिलेगी कहीं भी पनाह
है हमें अभी उस दिन का बेसब्र इंतज़ार
संख्याबल का होगा जब जनबल में इजहार
(ईमिः 14.05.2015)
No comments:
Post a Comment