सपा के पास समाजवादी सद्बुद्धि होती तो मोदी प्रधानमंत्री न होते. मायावती की ही तरह दुर्बुद्धि के चलते मुलायाम वंश का भी वर्चस्व समाप्त. कब तक अहिरे गुना कमोरी. मुलायम ने जो कम-अकली और कम्निगाही मुजफ्फरपुर में दिखाया और संजीव बालियाँ जैसे दंगाई को सांसद बनने में अप्रत्यक्ष भूमिका अदा की वही गलती सहारनपुर ममें कर रहे हैं. सरकार चाहती तो कोइ उपद्रव न होता. हो सकता है इसका फौरी चुनावी फ़ायदा भी मिल जाए, लेकिन दूरगामी परिणाम आत्मघाती ही होंगे.
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