Saturday, September 13, 2014

क्या जरूरत थी

चे को क्या जरूरत थी 
मंत्रिपद छोड़ बोलीविया जाने की
दुनिया में इन्किलाबी जूनून जगाने की
और सीआईए का शिकार होने की ?
लिखते रहते मर्शिया पूंजीवाद का क्रिस्टोफर काड्वेल
बैठ लन्दन की लाइब्रेरी में करते और फर्दर स्टडीज 
क्या जरूरत थी जाकर स्पेन में 
फासीवाद से जंग में शहीद होने की?
जैसा फरमाया श्रीमन् ने उस दिन
लालकिले की प्राचीर से 
करते हुए संवाद मुल्क की तकदीर से
और भी रास्ते थे जीने के 
तख़्त-नशीं होने के 
क्या जरूरत थी भगत सिंह को 
हंसते हुए चूमने की फांसी का फंदा?
पूछते हैं हैं जो ऐसे सवाल
होता नहीं जिन्हें दुर्बुद्धि का मलाल 
नहीं जानते वे इतिहास का मर्म 
और इन्किलाब का मतलब. 
(इमि/१४.०९.२०१४)

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