Tuesday, September 9, 2014

लीक पर चलना

कितना सरल है लीक पर चलना 
और रहना भगवान भरोसे के छलावे में 
लेकिन आनंद है अद्भुत उन जोखिमों में  
उठाने पड़ते है जो बनाने में नए रास्ते 
और उन दुस्साहसी इरादों में 
देते हैं जो शक्ति बढ़ते रहने के आगे 
नकारते हुए खुदा की सल्तनत 
और ललकारते हुए उसकी खुदाई  
कराती है जो रक्तपात 
और नफ़रत की उत्पात   
अपने मजहबी चोलों में 
(इमि/१०.०९.२०१४)

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