पाश के जन्म दिन को याद करता विप्लवी आवाम
कामरेड पाश को लाल सलाम लाल लाल सलाम
भूल जायेंगे लोग सुरेन्द्र शर्मा की कवितायें
क्योंकि वे एक लडकी से प्रेम की कवितायें हैं
लेकिन याद रखेंगे पाश की कवितायें
क्योंकि वे जहान से प्यार की कवितायेँ हैं
शामिल है जिसमें माशूक का भी प्यार
काम्ररेड पाश को लाल सलाम
यद् रखेगा तुमको साथी
दुनिया का इन्किलाबी आवाम
लाल लाल लाल सलाम
देखकर धार तुम्हारी कविता की
उसमें बहती निर्मल सरिता की
दहशत खा गए हुक्मरान
हो गए थे दहशतगर्द हैरान
असुरक्षित कायर होता है फासीवादी
विचारों में देखता है अपनी बर्बादी
नहीं सह पाता वह विचारों की धार
घबराहट में करता है विचारक पर वार
ऐसा ही किया था उसने गैलेलियो के साथ
नहीं थे भगत सिंह इपाश सके अपवाद
रोकना चाहा ग्राम्सी के विप्लवी विचार
बंद कर जेल में किया भीषण अत्याचार
ऊंची थीं मुसोलिनी के जेल की दीवारें
उससे भी ऊंचे थे बुलंद इरादे ग्राम्सी के
रुका नहीं कलम कभी ग्राम्सी का
सिद्धांत दिया वर्चस्व की त्रासदी का
चे को भी उसने इसे कायरता से मारा
प्रेरित होता रहेगा उनके विचारों से सर्वहारा
शहीदों की श्रृंखला की एक कड़ी हैं पाश
होने नहीं देंगे उनके सपनों को उदास
नहीं मरने देंगे हम पाश के सपनों को
जोड़ेंगे साथ सभी मेहनतकश अपनों को
लड़ेंगे साथी क्योंकि लड़ने की जरूरत है
लाल सलाम साथी पाश! लाल लाल सलाम
फैलाती रहेंगी अगली पीढियां तुम्हारा पैगाम.
(इमि/०९.०९.२०१४; 8.52 PM)
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