Tuesday, September 9, 2014

जातिवाद का जवाब इन्किलाब जिंदाबाद

जातिवाद का एक जवाब
इन्किलाब जिंदाबाद 
नहीं टूटेगी जाति प्रतिजातिवाद से 
टूटेगी वह वर्गचेतना के आगाज़ से 
शासकवर्गों की है यह पुरानी चाल 
फैलाते हैं मिथ्याचेतना का जाल 
अंत:कलह को बताते सामजिक अनार्विरोध 
कुंद करने को धार आवाम से अंतर्विरोध की 
और रोकने को लूट का कोई सशक्त प्रतिरोध 
है एक बात काबिल-ए-गौर 
वर्ण भी वर्ग है नहीं कुछ और 
शासक वर्ण ही था शासक वर्ग 
मनुवादी कहते जिसे धरती का स्वर्ग 
करना है उजागर गर हकीकत वर्णाश्रमी स्वर्ग की 
सजग हो कीजिये शिनाख्त अपने वर्ग की 
लम्बे बहुआयामी वर्गसंघर्षों के बाद 
बनेगा ही अंतत: जब वर्गहीन समाज 
न रहेगा कोइ राजा न ही कोइ राज 
छूमंतर हो जाएगा खुद-ब-खुद जातिवाद
(इमि/१०.०९.२०१४)

No comments:

Post a Comment