जातिवाद का एक जवाब
इन्किलाब जिंदाबाद
इन्किलाब जिंदाबाद
नहीं टूटेगी जाति प्रतिजातिवाद से
टूटेगी वह वर्गचेतना के आगाज़ से
शासकवर्गों की है यह पुरानी चाल
फैलाते हैं मिथ्याचेतना का जाल
अंत:कलह को बताते सामजिक अनार्विरोध
कुंद करने को धार आवाम से अंतर्विरोध की
और रोकने को लूट का कोई सशक्त प्रतिरोध
है एक बात काबिल-ए-गौर
वर्ण भी वर्ग है नहीं कुछ और
शासक वर्ण ही था शासक वर्ग
मनुवादी कहते जिसे धरती का स्वर्ग
करना है उजागर गर हकीकत वर्णाश्रमी स्वर्ग की
सजग हो कीजिये शिनाख्त अपने वर्ग की
लम्बे बहुआयामी वर्गसंघर्षों के बाद
बनेगा ही अंतत: जब वर्गहीन समाज
न रहेगा कोइ राजा न ही कोइ राज
छूमंतर हो जाएगा खुद-ब-खुद जातिवाद
(इमि/१०.०९.२०१४)
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