यह कैसी देशभक्ति है,
जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने पर आमादा हैं
जब देश में चल रही थी जंग-ए-आजादी
सावरकर देकर दो-राष्ट्र सिद्धांत
कर रहा था कौमी एकता की बर्बादी
गोलवल्कर नाम का था एक और अंग्रेजी दलाल
था उसे अंग्रेजों के खिलाफ उठे जनसैलाब का मलाल
उसकी औलादें लगाती हैं नारा पाकिस्तान जिंदाबाद
करने को जेयनयू की ज्ञान की परंपरा बर्बाद
काटता है युवावाहनी का दीक्षित जब गाय
करता नहीं कोई देशभक्त उसकी हाय हाय
गोरक्षक हत्यारों को मिलती जब जमानत
देश भक्त मंत्री करता उनका माला पहनाकर स्वागत
दूसरा देश भक्त मंत्री मिलता दंगाइयों से जेल में जाकर
पहन कर बुर्का करता घिनौनी हरकतें जब एक देशभक्त
उसकी पैरवी में जुट जाती है देशभक्तों की सरकार कमबख्त
पहनकर गोली टोपी बजरंगी फहराता पाकिस्ताव का झंडा
हिफाजत में उननकी उठता है संघी डंडा
जला दो लोगों इन देशभक्तों का भगवा डंडा
वरना यह डंडा कर देगा टुकटे-टुकड़े मुल्क के
हर जिस्म के हर दिल के
(ईमि: 14.07.2018)
No comments:
Post a Comment