Friday, July 13, 2018

मोदी विमर्श 85 (भक्तिभाव)

@Vineet Singh नए विकल्प बनेंगे। आप जैसे युवा लोग जब भक्तिभाव त्यागकर पढ़ाई-लिखाई कर सिद्धांतो से लैस नई शुरुआत करेंगे। फिलहाल तो फासीवाद से मुक्ति मिले। आप भी जानते हैं मोदी-शाह की जोड़ी अंबानी-अदानी की दलाल अपराधियों की जोड़ी है। हर संघी जानता है। अपराधी-घोटालेबाजों की जगह फिलहाल कोई चलेगा। ये कमीने बेरोजगारी, मंहगाई, देश की डूबती अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए हिंदू-मुसलमान खेलते रहते हैं। ट्रोलों की इतनी बड़ी नफरती फौज खड़ी कर लिया है कि सुषमा स्वराज भी ट्रोल की जाने लगी। दिमाग का इस्तेमाल कीजिए विकल्प दिखेगा। विकल्पहीनता मुर्दा कौमों की निशानी है, जिंदा कौमें कभी विकल्पहीन नहीं होतीं। पंजीरी खाकर भजन गाना बंद कीजिए दिमाग लगाइए। पहली बात जो कहें उसे तथ्य-तर्कों से पोषित करें। चुनाव के पहले इतने घोटाले थे, इतना कालाधन विदेशों में था, 4 सालों तक पिछले घोटालेबाजों में एक भी नहीं पकड़ा गया न एक भी पैसा काला धन आया, उल्टे भाजपा समर्थित माल्या, मोदी का मित्र नीरव मोदी आदि लाखों करोड़ चुराकर भगवा दिए गए। अडानी झारखंड में विस्थापन का विरोध करने वालों को उसी धरती में गाड़ देने की धमकी देता है। मोदी की हर विदेश यात्रा पर (अब तक 100 करोड़ के लगभग खर्च हो चुका है) अडानी साथ जाता है, उसका खर्च भी टैक्सपेयर की जेब से जाता है। सारी नौकरियां ठेके पर दे दी। एक मूर्ख मंत्री करोड़ों गीता जयंती और धर्मांधता खर्च करता है। मोदी आसाराम और राम रहीम का भक्त है, उनके चरणों में नतमस्तक होते बहुत वीडियो वायरल हो रहा है। जिस दिन आप जैसे नवजवान भक्तिभाव और ट्रोलगीरी की जहालत से निकल कर सोचने-समझने लगेंगे, नया विकल्प तैयार होगा।

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